अनगिनत गांठें सुनों, ऐसा है मेरा ये आंचल ! अनगिनत गांठें सुनों, ऐसा है मेरा ये आंचल !
चंचल हिरनी सा मन मेरा पल में खिलता पल में घबराया सा, सुख में सुकमाया सा, दुःख में चंचल हिरनी सा मन मेरा पल में खिलता पल में घबराया सा, सुख में सुकमाया सा, ...
हर कोई अपना...अपने से दूर रह गया मेरा ये मन कोरा कागज...कोरा ही रह गया हर कोई अपना...अपने से दूर रह गया मेरा ये मन कोरा कागज...कोरा ही रह गया
मेरे एहसास उनकी उम्मीदें इसीलिए तो मेरे अपने हैं इनसे ही तो मेरे सपने हैं इसीलिए तो मेरे एहसास उनकी उम्मीदें इसीलिए तो मेरे अपने हैं इनसे ही तो मेरे सपने हैं ...
दुश्मनों को, ना आने देंगे, इस धरती पे दोबारा, हम कर देंगे अर्पण....... दुश्मनों को, ना आने देंगे, इस धरती पे दोबारा, हम कर देंगे अर्पण.......
सॄष्टि स्वरूप समागम नीरा । बिन माँगे मिल जाय समीरा ॥ सॄष्टि स्वरूप समागम नीरा । बिन माँगे मिल जाय समीरा ॥